कणों के एक सिस्टम का द्रव्यमान केन्द्र निर्भर नहीं करता
कणों की स्थिति पर
कणों के बीच की दूरी पर
कणों के द्रव्यमान पर
कणों पर लगने वाले बल पर
$2 \mathrm{M}$ द्रव्यमान के एक जैसे गोले समान लम्बाई $4 \mathrm{~m}$ की पारस्परिक लम्बवत भुजाओं वाले एक समकोणीय त्रिभुज के शीर्ष पर स्थित है। इन दोनों भुजाओं का प्रतिछेदन बिन्दु मूल बिन्दु हो तब निकाय के द्रव्यमान केन्द्र के स्थिति सदिश का परिमाण $\frac{4 \sqrt{2}}{x}$ है जहाँ $\mathrm{x}$ का मान. . . . . . . . . . है।
दो द्रव्यमानों $m$ एवं $M$ $(M > m)$ को संलयित करने पर, द्रव्यमान केन्द्र कहॉँ होगा
किसी समकोण त्रिभुज जिसकी परस्पर लम्बवत भुजाओं की लम्बाई $2\, m$ है, के शीर्षो पर तीन सर्वसम गोले, जिनमें प्रत्येक का द्रव्यमान $M$ है, स्थित हैं (आरेख देखिए) । दो परस्पर लम्बवत भुजाओं के कटान बिन्दु को मूल बिन्दु मानकर, द्रव्यमान केन्द्र का स्थिति सदिश ज्ञात कीजिए।
$HCl$ अणु में दो परमाणुओं के नाभिकों के बीच पृथकन लगभग $1.27 \;\mathring A\left(1\; \mathring A=10^{-10} \;m \right)$ है । इस अणु के द्रव्यमान केंद्र की लगभग अवस्थिति ज्ञात कीजिए । यह ज्ञात है कि क्लोरीन का परमाणु हाइड्रोजन के परमाणु की तुलना में $35.5$ गुना भारी होता है तथा किसी परमाणु का समस्त द्रव्यमान उसके नाभिक पर केंद्रित होता है ।